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स्कॉलरशिप स्कीम फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज: दिव्यांग छात्रों को आर्थिक प्रोत्साहन

by Himanshi

दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति  शिक्षा विकलांग व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति के माध्यम से शिक्षा हेतु प्रोत्साहन करना इसका प्रमुख लक्ष्य है शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देते हुए, भारतीय संविधान में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy) और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में विकलांग व्यक्तियों के लिए शिक्षा के अधिकार की प्राप्ति में राज्य की भूमिका को रेखांकित किया गया है। संविधान के भाग IV (राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत) के अनुच्छेद 41 में यह प्रावधान है कि राज्य कार्य के अधिकार, शिक्षा के अधिकार और बेरोजगारी, बुढ़ापे, बीमारी और विकलांगता के मामलों में सार्वजनिक सहायता और अन्य अनुपयुक्त आवश्यकताओं (Undeserved Want) के मामलों में प्रभावी प्रावधान करेगा। 

दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति (Scheme of Scholarship for Students with Disabilities) के माध्यम से भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities, DEPwD) द्वारा भारतीय संविधान में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 को पूरा करने हेतु विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना को छह घटकों के साथ लागू किया जा रहा है।

दिव्यांग छात्रों को समुचित अवसर प्रदान कर उनके कौशल को विकसित करने के लक्ष्य के साथ शिक्षा क्षेत्र में उन्हें एक नई दिशा प्रदान किया जा रहा है। Scheme of Scholarship for Students with Disabilities योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग प्रदान कर शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन देना इसका प्रमुख उद्देश्य है। 

 स्कीम ऑफ़ स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज  – छह घटक (Six Components)

Table of Contents

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा IX और X के लिए)
2 पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा XI से स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा तक)
3 उच्च श्रेणी की शिक्षा (सूचित उत्कृष्टता संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा के लिए)
4 राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति (विदेशी संस्थानों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री/पीएचडी के लिए)
5 राष्ट्रीय फेलोशिप (भारतीय विश्वविद्यालयों में एम.फिल (M.Phil) और पीएचडी (PhD) के लिए)
6 नि:शुल्क कोचिंग (ग्रुप A, B और C पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं और विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए)

स्कीम ऑफ़ स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज (Scheme of Scholarship for Students with Disabilities) –  सामान्य पात्रता की शर्तें (General Conditions of Eligibility)

  • Scheme of Scholarship for Students with Disabilities केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपयुक्त हैं।
  • छात्रवृत्ति के सभी घटक (Components) उन छात्रों के लिए उपयोगी हैं जिनके पास मानक विकलांगता है, यानी ‘विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016’ में परिभाषित 40% या अधिक विकलांगता और नियमों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी एक वैध विकलांगता प्रमाणपत्र है।
  • एक ही माता-पिता के दो से अधिक विकलांग बच्चों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। यदि दूसरा बच्चा जुड़वां है, तो योजना के तहत जुड़वां को छात्रवृत्ति प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  • किसी भी कक्षा में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति केवल एक वर्ष के लिए उपलब्ध होगी। यदि किसी छात्र को किसी कक्षा को दोहराना पड़ता है, तो उसे उस कक्षा के लिए दूसरे (या बाद के) वर्ष के लिए छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
  • इस योजना के तहत छात्रवृत्ति धारक किसी अन्य छात्रवृत्ति/वजीफा (स्टाइपेंड) का लाभ नहीं उठा सकेगा। इस योजना के तहत छात्र को छात्रवृत्ति का भुगतान उस तिथि से नहीं किया जाएगा जिस तिथि से वह किसी अन्य छात्रवृत्ति/वजीफा को स्वीकार करता है।
  • आवेदकों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से गुजरना पड़ सकता है।
  • छात्रवृत्ति योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए UDID/UDID नामांकन अनिवार्य होगा।

दिव्यांग छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति 

Pre-matric Scholarship (For Class 9 and 10)  

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

छात्रवृत्ति उम्मीदवार एक नियमित, पूर्णकालिक छात्र होना चाहिए जो कक्षा IX या X में किसी सरकारी स्कूल में या सरकार या केंद्रीय/राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ रहा हो।

छात्रवृत्ति राशि (Scholarship Amount)

पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति में कोर्स की पूर्ण अवधि के लिए निम्नलिखित शामिल है –

  • निर्वाह भत्ता (Maintenance Allowance)
  • पुस्तक अनुदान (Book Grant)
  • विकलांगता भत्ता ( Disability Allowance)

छात्रवृत्ति दर (Rate of Scholarship)

आइटम डे-स्कॉलर (Day Scholar) छात्रावासी (Hosteller)
भत्ता (प्रति माह) 500  800
पुस्तक अनुदान (प्रति वर्ष)   1000  1000 
                                                      विकलांगता भत्ता (प्रति वर्ष)
दृष्टिहीनता या बौद्धिक विकलांगता  ₹4000  ₹4000 
अन्य सभी प्रकार की विकलांगता  ₹2000 ₹2000 

दिव्यांग छात्रों के लिए पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति 

Post-matric Scholarship (For Class 11 to Post-Graduate Degree/Diploma)  

पात्रता मानदंड 

पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति सभी मान्यता प्राप्त पोस्ट-मेट्रिक या पोस्ट-सेकेंडरी कोर्स (मास्टर डिग्री कोर्स तक) के अध्ययन के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों/विश्वविद्यालयों में दी जाएगी जिसमें निम्नलिखित अपवाद शामिल हैं।

  • उम्मीदवार जो परीक्षा को पास करने के बाद उसी शिक्षा चरण में अलग विषय में पढ़ाई कर रहे हैं (जैसे, अन्य विषय में बी.ए. के बाद बी.कॉम.) पात्र नहीं होंगे। बी.ए./बी.एससी./बी.ई. आदि के बाद एल.एल.बी./बी.एड./बी.ए.एल.एड. पाठ्यक्रम में अध्यनरत छात्र इस योजना के तहत पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं।
  • जो छात्र एक साथ दो अलग-अलग पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे हैं, वे केवल किसी एक पाठ्यक्रम के लिए ही छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं।
  • जो छात्र कला/विज्ञान/वाणिज्य में स्नातक परीक्षा में असफल होने या उत्तीर्ण होने के बाद किसी मान्यता प्राप्त व्यावसायिक या तकनीकी प्रमाणपत्र/डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रम में शामिल होते हैं, छात्रवृत्ति के पात्र हैं।
  • पत्राचार पाठ्यक्रमों के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखने वाले छात्र भी पात्र हैं। पत्राचार में दूरस्थ और सतत शिक्षा शामिल है। 
  • वे कर्मचारी (Employed) छात्र जिनकी आय उनके माता-पिता/अभिभावक की आय के साथ मिलकर निर्धारित अधिकतम आय सीमा से अधिक नहीं है, अनिवार्य रूप से देय गैर-वापसी योग्य सभी फीस की प्रतिपूर्ति की हद तक पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं।

छात्रवृत्ति राशि (Scholarship Amount)

पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति की राशि में पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए निम्नलिखित शामिल हैं:

  • निर्वाह भत्ता (Maintenance Allowance )
  • दिव्यांगता भत्ता ( Disability Allowance )
  • अनिवार्य गैर-वापसी योग्य शुल्क की प्रतिपूर्ति (Reimbursement of Compulsory Non-refundable Fees)
  • पुस्तक भत्ता (Book Allowance)

 निर्वाह भत्ता (Maintenance Allowance)

   समूह (ग्रुप्स)  निर्वाह दर भत्ता (प्रति महीने)
छात्रावासी (Hosteller)  डे स्कॉलर (Day Scholar)
ग्रुप 1

यूजीसी/एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी विषय में सभी स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम

  • चिकित्सा, वास्तुकला, इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी, फैशन प्रौद्योगिकी
  • योजना/प्रबंधन, व्यवसाय/वित्त प्रशासन
  • कंप्यूटर विज्ञान/ऐप्लिकेशन्स
  • कृषि, पशु चिकित्सा और अलाइड साइंस में सभी स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम। 
₹1600 ₹750
ग्रुप 2

पेशेवर पाठ्यक्रम डिग्री/डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम जिनमें शामिल हैं:

  • फार्मेसी (बी. फार्मा)
  • एलएलबी
  • बीएफएस 
  • अन्य पैरा-मेडिकल शाखाएँ जैसे पुनर्वास, डायग्नोस्टिक्स, आदि
  • मास कम्युनिकेशन
  • होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग
  • यात्रा/पर्यटन/अतिथि सत्कार
  • इंटीरियर डेकोरेशन
  • पोषण और आहार विज्ञान
  • व्यावसायिक कला
  • वित्तीय सेवाएँ (जैसे बैंकिंग, बीमा, कराधान, आदि)
₹1100 ₹700
ग्रुप 3

स्नातक डिग्री के लिए सभी अन्य पाठ्यक्रम जो समूह 1 और 2 में शामिल नहीं हैं, जैसे:

  • बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स)
  • बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस)
  • बीकॉम (बैचलर ऑफ कॉमर्स)
₹950 ₹650
ग्रुप 4                                                                      पोस्ट-मेट्रिक स्तर के सभी गैर-डिग्री पाठ्यक्रम जिनके लिए प्रवेश योग्यता उच्च विद्यालय (कक्षा X) है, जैसे:          
  • सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट (कक्षा XI और XII)
  • सामान्य और व्यावसायिक धाराएं
  • आईटीआई पाठ्यक्रम
  • पॉलिटेक्निक में 3-वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम
₹900 ₹550

 (नोट:- समूह (I से IV) पाठ्यक्रमों की सूची केवल उदाहरणात्मक है, संपूर्ण नहीं। इस प्रकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन अपने स्तर पर पाठ्यक्रमों के उपयुक्त समूह का निर्णय करने में स्वयं सक्षम हैं।)

क्र.सं.             डिसएबिलिटीज के प्रकार डिसएबिलिटीज अलाउंस (प्रतिवर्ष)
1       दृष्टिहीनता या बौद्धिक दिव्यांगता

(Visual Impairment or Intellectual Disabilities)

₹4000
2       अन्य सभी प्रकार की दिव्यांगता

        (All Other Types of Disabilities )

₹2000

अनिवार्य गैर-वापसी योग्य फीस की प्रतिपूर्ति

छात्रों को नामांकन/पंजीकरण फीस, ट्यूशन फीस, खेल शुल्क, संघ शुल्क, पुस्तकालय शुल्क, पत्रिका शुल्क, मेडिकल जांच शुल्क, और ऐसी अन्य फीस की प्रतिपूर्ति की जाती है जो छात्र द्वारा संस्थान या विश्वविद्यालय/बोर्ड को अनिवार्य रूप से देनी होती है। पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए ‘अनिवार्य गैर-वापसी योग्य फीस’ की प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा प्रति वर्ष 1.50 लाख रुपये है। हालांकि, वापसी योग्य जमा राशि जैसे कि एहतियात सुरक्षा जमा राशि को बाहर रखा जाएगा।

 पुस्तक भत्ता – ₹1500 प्रति वर्ष

(नोट:- मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों के लिए नि:शुल्क और भुगतान सीटों के खिलाफ लगाई गई अनिवार्य गैर-वापसी योग्य फीस को सक्षम राज्य/केंद्र सरकार प्राधिकृत प्राधिकृत द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना के अनुसार पूरी तरह से प्रतिपूर्ति की जा सकती है, अधिकतम सीमा प्रति वर्ष 1.50 लाख रुपये तक की राशि।

दिव्यांग छात्रों के लिए प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति – आवेदन प्रक्रिया  

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (www.scholarships.gov.in) के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे।

आवेदकों को अपना आवेदन ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से जमा करना होगा। आवेदन प्राप्त करने के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के भीतर सभी आवश्यक फोटोग्राफ, उम्र प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ट्यूशन फीस रसीद, अंतिम शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र आदि विधिवत जमा करना आवश्यक है।

जिन संस्थानों में अभ्यर्थी अध्ययन कर रहा है, उन्हें भी पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा और अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए विवरणों का सत्यापन (Verify) करना होगा। राज्य द्वारा नामित नोडल अधिकारी सभी आवेदनों की देखरेख करेगा और राज्य सरकार की ओर से उन पर कार्रवाई करेगा, जो लाभार्थियों को छात्रवृत्ति राशि के वितरण के लिए सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) में अंतिम सूची पर डिजिटल हस्ताक्षर भी करेगा।

यदि कोई अभ्यर्थी किसी एक राज्य का स्थायी निवासी है, लेकिन किसी अन्य राज्य में अध्ययनरत है, तो उसके आवेदन को उस राज्य के शिक्षा/कल्याण विभाग द्वारा (Recommend) की जानी चाहिए, जिसका वह स्थायी निवासी है।

चयन के लिए योग्यता मानदंड दिव्यांगता प्रमाण पत्र होगा मानदंड के उद्देश्य से, विशिष्ट अधिगम विकलांगता के सभी पात्र मामलों में विकलांगता प्रतिशत 40% माना जाएगा।

बराबरी की स्थिति में आयु पर विचार किया जाएगा, अर्थात अधिक आयु वाले उम्मीदवार को वरीयता (Preference) दी जाएगी।

दिव्यांग छात्रों के लिए प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति – अवधि और नवीनीकरण (Renewal)

एक बार दिए गए पुरस्कार का प्रभाव उस स्तर से शुरू होगा जिस पर इसे दिया गया है और यह अच्छे आचरण और नियमित उपस्थिति के अधीन पाठ्यक्रम की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा। 

यह वर्ष दर वर्ष नवीनीकृत किया जाएगा, बशर्ते कि कुल अवधि के भीतर जो कई वर्षों के लिए निरंतर होती है, छात्र को अगली उच्च कक्षा में पदोन्नति मिलती है, इस तथ्य के बावजूद कि ऐसे परीक्षाएं विश्वविद्यालय या संस्थान द्वारा आयोजित की जाती हैं या नहीं।

यदि पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति में ग्रुप 1 पाठ्यक्रमों का अनुसरण कर रहा छात्र पहली बार परीक्षा में असफल हो जाता है, तो पुरस्कार को नवीनीकृत किया जा सकता है। लेकिन दूसरी और उसके बाद किसी भी कक्षा में असफलता के लिए, छात्र को खर्चे स्वयं करने होंगे जब तक  वह अगली उच्च कक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो जाता ।

छात्र बीमारी के कारण या किसी अनपेक्षित (Unforeseen) घटना के कारण वार्षिक परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाता है, तो मेडिकल प्रमाण पत्र या अन्य आवश्यक प्रमाण प्रस्तुत करने पर अगले शैक्षणिक वर्ष (Academic Year) के लिए पुरस्कार को नवीनीकृत (Renew) किया जा सकता है|

किसी विश्वविद्यालय/संस्थान के नियमों के अनुसार,  छात्र को अगले उच्च कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता है, भले ही छात्र ने पूर्वी कक्षा में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की हो और कुछ समय बाद पूर्व कक्षा की परीक्षा फिर से देनी हो, तो वह छात्र उस कक्षा के लिए छात्रवृत्ति का पात्र होगा जिसमें उसे प्रमोट किया गया है, बशर्ते वह अन्यथा छात्रवृत्ति के लिए पात्र हो।

दिव्यांग छात्रों के लिए प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति – वितरण प्रक्रिया

निम्नलिखित छात्रवृत्ति योजना  को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से लागू किया जाएगा और राशि लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer ) मोड के माध्यम से सीधे जमा की जाएगी।

प्री-मेट्रिक 

पोस्ट-मेट्रिक 

टॉप क्लास शिक्षा 

(नोट:- इस योजना की निगरानी (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।)

नेशनल फ़ेलोशिप फॉर पर्सन्स विथ बेंचमार्क डिसएबिलिटीज (NFPwD) 

National Fellowship for Persons with  Benchmark Disabilities योजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजन) को वित्तीय सहायता के रूप में फैलोशिप प्रदान करना है ताकि वे भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी या सामाजिक विज्ञान में एम.फिल/पीएच.डी. की उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।     

फ़ेलोशिप की संख्या

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 200 छात्रों को फेलोशिप प्रदान किया जाता है। विकलांग छात्रों के लिए उपलब्ध कुल 200 स्लॉट्स में से 75% अर्थात 150 स्कॉलर्स  राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NTA) – जूनियर रिसर्च फेलोशिप (NET-JRF) के आधार पर चयनित किए जाएंगे और शेष 25% स्कॉलर्स  (अर्थात 50) यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (UGC-CSIR) NET-JRF संयुक्त परीक्षा के आधार पर चयनित किए जाएंगे। हालाँकि, अगर एक श्रेणी में पर्याप्त संख्या में पात्र स्कॉलर्स उपलब्ध नहीं हैं, तो यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-नेट के बीच स्लॉट कुल संख्या के हिसाब से हस्तांतरणीय है।

नेशनल फ़ेलोशिप फॉर पर्सन्स विथ बेंचमार्क डिसएबिलिटीज (NFPwD) – पात्रता और अवधि

फेलोशिप उन छात्रों के लिए है जिनके पास ‘दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016’ के तहत (अर्थात् 40% या उससे अधिक विकलांगता) है और दिव्यांगता प्रमाण पत्र है।

योजना के तहत फेलोशिप छात्र किसी अन्य छात्रवृत्ति/वजीफा का लाभ नहीं उठा सकते। एक स्कॉलर एक समय में केवल एक फेलोशिप प्राप्त करने के लिए पात्र है।

फेलोशिप उन उम्मीदवारों को प्रदान की जाएगी जो नियमित और पूर्णकालिक एम. फिल./पीएचडी पाठ्यक्रमों मेंअध्यनरत हैं।

छात्र फेलोशिप की अवधि के दौरान अपने शोध कार्य को पूरा नहीं करता है, तथा जो छात्र पहले पीएचडी के लिए फेलोशिप का पूरी तरह से लाभ ले चुका है, वह योजना के तहत फेलोशिप के लिए पात्र नहीं होगा।

जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के पैटर्न पर फेलोशिप में शामिल होने के दो साल बाद, यदि फेलो के शोध कार्य संतोषजनक पाई जाती है, तो उसकी अवधि यूजीसी फेलोशिप के अनुसार सीनियर रिसर्च फेलोशिप (एसआरएफ) के पैटर्न पर तीन साल की अवधि के लिए बढ़ा दी जाएगी।

फेलोशिप उस वर्ष के 1 अप्रैल से भुगतान की जाएगी, जिसके लिए उम्मीदवार का चयन किया गया है या एम. फिल./पीएचडी (M.Phil./PhD) में पंजीकरण की तिथि से या कार्यक्रम में शामिल होने की तिथि से, जो भी बाद में हो।

एम. फिल. और पीएचडी (M.Phil./PhD) या पीएचडी के लिए अधिकतम अवधि 5 साल है। एम. फिल. करने के लिए, फेलोशिप दो साल या एम. फिल. शोध प्रबंध के जमा करने की तिथि तक, जो भी पहले हो, तक दी जाएगी।

इस योजना के तहत एम. फिल. से पीएचडी में जारी रखने की अवधि 2 वर्ष (एम. फिल. के परिणाम की घोषणा की तिथि से पीएचडी में प्रवेश की तिथि तक) होगी। फेलोशिप अवधि 5 साल की अवधि को छोड़कर रहेगी। अंतराल अवधि के दौरान कोई फेलोशिप का भुगतान नहीं किया जाएगा।

फेलोशिप पीएचडी शोध प्रबंध के जमा करने की तिथि तक या फेलोशिप की 5 साल की अवधि तक, जो भी पहले हो, तक दी जाएगी। फेलोशिप की कुल अवधि 5 साल से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती।

किसी विश्वविद्यालय/कॉलेज/शैक्षणिक संस्थान/केंद्रीय/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के कर्मचारी फेलोशिप प्राप्त करने से बाहर होंगे, भले ही वे अध्ययन अवकाश पर हों।

किसी भी व्यक्ति को केवल एक बार फेलोशिप प्रदान की जा सकती है।

फेलोशिप दर (Rate of Fellowship)

फ़ेलोशिप का वितरण

उम्मीदवारों की भुगतान फाइलें विभाग के अधिकृत हस्ताक्षर द्वारा PFMS पर डिजिटल रूप से हस्तांतरित की जाएंगी। फेलोशिप राशि फिर शोधकर्ताओं के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) मोड के माध्यम से ट्रांसफर किया जाएगा।

फेलोशिप का भुगतान और अन्य अनुमोदनीय भत्ते लाभार्थियों के बैंक खातों में आधार से लिंक किए जाने वाले अकाउंट में होंगे।

राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्त (National Overseas Scholarship)

उद्देश्य: विशेषज्ञ शिक्षा के विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, जो मास्टर्स स्तर के पाठ्यक्रम और विशेषज्ञ स्तर पर पीएच.डी की पढ़ाई के लिए विदेश में निर्दिष्ट अध्ययन क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं: 

इंजीनियरिंग और प्रबंधन (Engineering & Management)

शुद्ध विज्ञान और अनुप्रयोगिक विज्ञान (Pure Sciences and Applied Sciences)

कृषि विज्ञान और चिकित्सा (Agricultural Science & Medicine)

वाणिज्य, लेखा और वित्त  (Commerce, Accounting and Finance)

मानविकी, सामाजिक विज्ञान सहित कानून और फाइन आर्ट्स (Humanities, Social Science including Law & Fine Arts)

योग्यता और पात्रता

पीएचडी के लिए मास्टर्स डिग्री में (55%) अंक या समतुल्य ग्रेड होना चाहिए।

मास्टर्स डिग्री के लिए – संबंधित बैचलर्स डिग्री में (55%) अंक या समतुल्य ग्रेड होना चाहिए।

पहले से मास्टर्स डिग्री या पीएचडी कर रहे उम्मीदवार या किसी भी मंत्रालय/विभाग/केंद्रीय सरकार/राज्य सरकार/अन्य एजेंसी/अपने फंड के द्वारा विदेश में इंस्टीट्यूट/कॉलेज/ विश्वविद्यालय से फायदा उठा कर मास्टर्स/पीएचडी पूरी कर चुके हैं, वे इस योजना के लाभ के लिए आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं। 

उम्मीदवार इस योजना के तहत छात्रवृत्ति पाने के योग्य हैं, ताकि वे एक ही स्तर (मास्टर्स/पीएचडी) कोर्स को एक अलग स्ट्रीम (विज्ञान/कला/वाणिज्य आदि) में अध्ययन कर सकें, जिसके लिए उन्होंने पहले से ही भारत में या विदेश में किसी भी विश्वविद्यालय/संस्थान/कॉलेज से अर्जित की हुई क्वालिफिकेशन है। 

उम्मीदवार ने उसी स्तर के कोर्स के लिए केंद्रीय/राज्य सरकार से छात्रवृत्ति लाभ उठाया नहीं हो।

आयु-आवेदन के वर्ष के 1 जनवरी तक 35 (पैंतीस) वर्ष से कम होना चाहिए।

पुरस्कार वित्तीय सहायता की अवधि

निर्धारित वित्तीय सहायता को पाठ्यक्रम/अनुसंधान के पूर्ण होने तक प्रदान किया जाता है:-

पीएचडी – 4 वर्ष (चार वर्ष)

मास्टर्स डिग्री – (एक/दो/तीन वर्ष), पाठ्यक्रम की अवधि के आधार पर

(नोट:- छात्रवृत्ति की समाप्ति के बाद विदेश में रहने के विस्तार की अनुमति वित्तीय समर्थन / भारत लौटने के एयर टिकट के बिना दी जाती है।}

चयन प्रक्रिया

योजना के अनुसार उम्मीदवारों की योग्यता और उपयुक्तता का मूल्यांकन करने के बाद, दिव्यांग छात्र आवेदन करेंगे। ऑनलाइन आवेदन केवल पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे।

उम्मीदवारों को विभाग के पास वेबसाइट www.disabilityaffairs.gov.in  पर उपलब्ध आवेदन पत्र भेजने की आवश्यकता होगी, जिसमें आवश्यक दस्तावेजों को  submit किया गया हो। नौकरी में लगे उम्मीदवारों को इस विभाग को अपने नियोक्ता से “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” (NOC) भी जमा करना होगा।

उम्मीदवारों का चयन  योग्यता, शैक्षिक योग्यता और अनुभव, उनकी  दिव्यांगता श्रेणी ,विदेश में विश्वविद्यालय और उनके द्वारा प्रवेश के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले कोर्स आदि के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा और वार्षिक स्लॉट की मंजूरी के भीतर एक मेरिट सूची तैयार की जाएगी |

किसी भी संस्थान/कॉलेज/विश्वविद्यालय के परिवर्तन के लिए कोई अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर पुरस्कृत व्यक्ति कोर्स या विश्वविद्यालय बदलना चाहता है, तो वह फिर से आवेदन कर सकता/सकती है।

पुरस्कृत व्यक्ति को पुष्टि पत्र जारी होने के बाद, उम्मीदवार को असली दस्तावेजों की पुष्टि (Original Documents), Submission of Bonds, सॉल्वेंसी प्रमाण पत्र (Solvency Certificates) किसी संगठन/व्यक्ति/इकाई की वित्तीय स्थिरता और विश्वसनीयता को दर्शाने वाला एक दस्तावेज, आदि सभी प्रक्रियाओं को छह महीने के भीतर पूरा करना आवश्यक होगा, पुरस्कार पत्र स्वचालित रूप से रद्द कर दिया जाएगा। 

अनिवार्य मानदंड 

चयन की सूचना की तिथि से तीन वर्षों के भीतर उम्मीदवारों को एक मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय/संस्थान में प्रवेश प्राप्त करना आवश्यक है। निर्धारित समय अवधि की समाप्ति पर, पुरस्कार स्वचालित रूप से रद्द हो जाएगा। यदि उम्मीदवार अभी भी योजना का लाभ उठाना चाहता/चाहती है, तो उसे पुनः आवेदन करना होगा।

चयनित उम्मीदवार को एक नोटरी /स्टाम्प पेपर पर ₹50,000 (पचास हजार) रुपये की दो अलग-अलग जमानतें और उसी राशि के लिए अलग-अलग सॉल्वेंसी प्रमाणपत्र संपत्ति/संपत्ति के न्यूनतम राशि के रूप में यह साबित करते हुए प्रस्तुत करना आवश्यक है कि व्यक्ति ₹50,000 रुपये की राशि के मालिक हैं। 

योजना का लाभ उठाने वाले उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम पूरा होने के एक महीने के भीतर भारत लौटना अनिवार्य है। यदि कोई उम्मीदवार पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद विदेश में रहना चाहता है, तो उसे भारत लौटने के लिए किसी भी वित्तीय सहायता सहित वापसी हवाई टिकटों के बिना अनुमति दी जाती है।

भारत लौटने का इरादा रखने वाले पुरस्कार विजेता को अग्रिम में विदेश में भारतीय दूतावास (Embassy) को सूचित करना चाहिए और अपने लौटने की जानकारी विभाग को भी देनी चाहिए।

उम्मीदवार प्रतिज्ञा पत्र में अपने विश्वविद्यालय को विदेश में संबंधित भारतीय मिशन और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति देगा।

प्रतिज्ञा पत्र में वह इस योजना के अंतर्गत आवेदन किए गए पाठ्यक्रम के लिए किसी भी सरकार/अन्य संगठन सहित विश्वविद्यालय/कॉलेज से कोई छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं कर रहा है।

योजना के तहत पुरस्कार प्राप्तकर्ता के पति/पत्नी, बच्चों, भाई-बहन, माता-पिता/अभिभावक के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता या  प्रदान नहीं की जाएगी।

आपात स्थिति में, जहां उम्मीदवार को कुछ समय के लिए भारत लौटने की आवश्यकता होती है, पुरस्कार प्राप्तकर्ता को इसके लिए विशेष उद्देश्य हेतु भारत लौटने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते छात्र ने शैक्षणिक संस्थान को सूचित कर दिया हो। 

यात्रा के लिए आने-जाने का खर्च स्वयं करना होगा और शैक्षणिक संस्थान के विदेश में रहने की अवधि के दौरान उसे रखरखाव भत्ता प्राप्त नहीं होगा, और  विभाग रखरखाव भत्ता केवल उसके उसी पाठ्यक्रम को उसी संस्थान में फिर से शुरू करने की तारीख से प्रदान करेगा। आपात स्थिति के बाद अपने शैक्षणिक संस्थान के स्थान पर लौटना आवश्यक है, अन्यथा, उसे डिफॉल्टर (Defaulter) घोषित किया जा सकता है।

उम्मीदवार के लिए उस देश का उपयुक्त वीजा प्राप्त करना आवश्यक होगा, जहां वह इस योजना के तहत अध्ययन करना चाहता है। वीजा प्राप्ति हेतु  भारत सरकार कोई सहायता नहीं देगी।

चयनित उम्मीदवारों को प्रस्थान से पहले भारत सरकार द्वारा समय पर सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 

यदि छात्र ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से या अन्य एजेंसी के माध्यम से अधिक/अतिरिक्त भुगतान प्राप्त किया है, तो उसे भारत सरकार को वह राशि वापस करनी होगी।

छात्र अध्ययन या शोध पाठ्यक्रम को नहीं बदल सकता जिसके लिए छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है। यदि पीएचडी कर रहा छात्र को उसका गाइड छोड़ दे या तत्काल प्रतिस्थापन        (Immediate Replacements) नहीं है या विश्वविद्यालय/संस्थान ने उस क्षेत्र में अनुसंधान समर्थन सुविधाएं बंद कर दी है, ऐसी स्थिति में भारतीय मिशन छात्र को विश्वविद्यालय /संस्थान बदलने की अनुमति दे सकते हैं, बशर्ते मिशन ऐसी आवश्यकता के बारे में संतुष्ट हों, हालांकि इस शर्त के अधीन कि पूर्व विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा प्राप्त किसी भी क्रेडिट को दूसरे विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा ट्रांसफर के लिए स्वीकार किया जाएगा ,ऐसा ट्रांसफर पुरस्कार के दौरान केवल एक बार मान्य रहेगा।

स्कीम ऑफ़ स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज (Scheme of Scholarship for Students with Disabilities)से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)!

प्रश्न – स्कॉलरशिप स्कीम फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज के पात्र कौन से छात्र हैं?

उत्तर – स्कॉलरशिप स्कीम फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज छात्रवृति केवल दिव्यांग छात्रों का आर्थिक प्रोत्साहन के लिए है।

प्रश्न – स्कीम ऑफ़ स्कॉलरशिप फॉर स्टूडेंट्स विथ डिसएबिलिटीज (Scheme of Scholarship for Students with Disabilities) की निगरानी किस विभाग द्वारा की जाती है? 

उत्तर – इस योजना की निगरानी (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से की जाती है।

प्रश्न – प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में डे-स्कॉलर/छात्रवासी छात्रों को कितना विकलांगता भत्ता (प्रति वर्ष) प्राप्त होगा? 

उत्तर – प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में डे-स्कॉलर/छात्रवासी छात्रों को ₹4000 की राशि प्रति वर्ष विकलांगता भत्ता के रूप में प्राप्त होगा। 

प्रश्न – प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति लाभ वितरण की क्या प्रक्रिया है? 

उत्तर – प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से लागू किया जा रहा है तथा राशि लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer ) मोड के माध्यम से सीधे जमा किया जाएगा।

प्रश्न – पोस्ट-मेट्रिक दिव्यांग छात्र कितनी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन के पात्र है? 

उत्तर – जो छात्र एक साथ दो अलग-अलग पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे हैं, वे केवल किसी एक पाठ्यक्रम के लिए ही छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न – छात्र किसी कारण परीक्षा नहीं दे पाता उसके लिए कौन सा प्रमाण पत्र वैद्य है? 

उत्तर – छात्र बीमारी के कारण या किसी अनपेक्षित (Unforeseen) घटना के कारण वार्षिक परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाता है, तो मेडिकल प्रमाण पत्र वैद्य है।

प्रश्न – फ़ेलोशिप की संख्या कितनी है?

उत्तर विकलांग छात्रों के लिए उपलब्ध कुल 200 स्लॉट्स में से 75% विद्वान (अर्थात 150) राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(NTA)- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (NET-JRF) के आधार पर चयनित किए जाएंगे और शेष 25% विद्वान (अर्थात 50) यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (UGC-CSIR) NET-JRF संयुक्त परीक्षा के आधार पर चयनित किए जाएंगे।

प्रश्न – फ़ेलोशिप राशि कैसे प्राप्त होगी ?

उत्तर – उम्मीदवारों की फ़ेलोशिप राशि विभाग के अधिकृत हस्ताक्षर द्वारा PFMS पर डिजिटल रूप से हस्तांतरित कर शोधकर्ताओं के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) मोड के माध्यम से Transfer किया जाएगा। फेलोशिप की सभी भुगतान और अन्य अनुमोदनीय भत्ते लाभार्थियों के बैंक खातों में आधार से लिंक अकाउंट में हस्तांतरित होंगे।

प्रश्न – विदेश छात्रवृति के नियमो का उल्लंघन  करने वाले छात्र से भुगतान कैसे प्राप्त किया जायेगा ?

उत्तर विदेश में अध्ययनरत छात्र द्वारा किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाता है या उम्मीदवार किसी अन्य देश में चला जाता है या भाग जाता है या किसी अन्य विश्वविद्यालय या पाठ्यक्रम/कार्यक्रम में शामिल हो जाता है या आपात स्थिति में भारतीय मिशन को सूचित किए बिना भारत लौट आता है, तो उसे डिफॉल्टर घोषित किया जाएगा और उस पर खर्च की गई पूरी राशि को 12% वार्षिक ब्याज के साथ वापस लौटना होगा। और यदि कोई पुरस्कार प्राप्तकर्ता मांग की तारीख से छह महीने के भीतर राशि का भुगतान करने में विफल रहता है, तो बकाया राशि पर ब्याज दर से 2.5% अधिक दंड ब्याज लगाया जाएगा।

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