Home छात्रवृत्ति दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना (Divyangjan Swavalamban Yojana) – एक सम्पूर्ण मार्गदर्शन!
दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना - दिव्यांग छात्रों और युवाओं को वित्तीय समर्थन

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना (Divyangjan Swavalamban Yojana) – एक सम्पूर्ण मार्गदर्शन!

by Sadhana Soni

भारत में  दिव्यांग व्यक्तियों (Persons with Disabilities – PwDs) को आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तीकरण की दिशा में सरकार द्वारा अनेक पहलें चलायी गई हैं। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण योजना है दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना, जिसे National Divyangjan Finance & Development Corporation (NDFDC) द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। इस लेख में दिव्यांगजन स्वावलम्बन योजना के उद्देश्य, लाभ, पात्रता, राशि, आवेदन प्रक्रिया एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को विस्तार से प्रस्तुत किया जा रहा है।

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – संक्षिप्त विवरण

Table of Contents

विवरण जानकारी
योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, स्वरोज़गार, शिक्षा, व्यवसाय प्रारंभ, और सहायक उपकरणों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
ऋण राशि प्रति लाभार्थी ₹50 लाख तक, विभिन्न ऋण राशि पर 5% से 9% तक ब्याज दर।
ब्याज दर ₹0.50 लाख से ₹5 लाख तक 6%, ₹5 लाख से ₹15 लाख तक 7%, ₹15 लाख से ₹30 लाख तक 8%, ₹30 लाख से ₹50 लाख तक 9%, महिलाओं और विशेष मामलों में 1% ब्याज में छूट।
पात्रता मानदंड भारत का नागरिक, दिव्यांगता प्रमाणपत्र (कम से कम 40%), आयु 18 वर्ष (बौद्धिक अक्षमता के लिए 14 वर्ष), यूनिक डिसेबिलिटी ID (UDID) नंबर।
लोन के लिए कौन सा क्षेत्र पात्र है? स्वरोज़गार, उच्च शिक्षा, सहायक उपकरण, कृषि, खुदाई, बेकरी, औद्योगिक और प्रोफेशनल/टेक्निकल शिक्षा आदि।
आवेदन प्रक्रिया आवेदन फॉर्म संबंधित कार्यान्वयन एजेंसी में जमा करना, आवश्यक दस्तावेज़ के साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी करना।
महिलाओं के लिए विशेष लाभ ₹50,000 तक के स्वरोजगार लोन पर 1% ब्याज छूट।
संपर्क जानकारी
  • पता – यूनिट नं. 11-12, DLF प्राइम टॉवर, ओखला, नई दिल्ली – 110020, 
  • फोन – 011-45803730, ईमेल: nhfdc97@gmail.com                  
  • वेबसाइटwww.nhfdc.nic.in
ऋण भुगतान की अवधि अधिकतम 10 वर्ष तक।

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दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – परिचय

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके तहत उन्हें छूट-युक्त ऋण (Concessional Loan) प्रदान किया जाता है, ताकि वे स्वयं-रोज़गार, व्यवसाय प्रारंभ, शिक्षा या सहायक उपकरणों की सहायता ले सकें। यह योजना Department of Empowerment of Persons with Disabilities (DEPwD), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आती है। 

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – उद्देश्य

इस योजना को निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रख कर शुरू किया गया है।

  • दिव्यांग व्यक्तियों को आय-उत्पादन गतिविधियों में सहयोग प्रदान करना। 
  • उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता देना। 
  • सहायक उपकरण, वाहन रूपांतरण आदि के माध्यम से  दिव्यांग व्यक्तियों का सामाजिक समावेशन। 
  • राज्य-स्तरीय एजेंसियों, बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों तक सहायता पहुँचाना। 

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दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – पात्रता मानदंड

कुछ मुख्य पात्रता शर्तें निम्नलिखित हैं, जिन्हें आवेदकों को पूरा करना आवश्यक है।

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए। 
  • दिव्यांगता का प्रमाणपत्र होना आवश्यक है, जिसमें दिव्यांगता दर कम-से-कम 40% होनी चाहिए। 
  • आयु सीमा – सामान्य रूप से 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। मानसिक मंदता/बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के मामले में, पात्र आयु 14 वर्ष से अधिक होगी। शिक्षा ऋण हेतु कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। 
  • योजना के तहत शुरू की जा रही गतिविधि/प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से व्यवहार में लाने लायक होनी चाहिए तथा लाभार्थी की क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। 

Divyangjan Swavlamban Yojna – ऋण राशि एवं ब्याज दर

  • इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी/इकाई अधिकतम ₹50 लाख तक ऋण उपलब्ध हो सकती है।
  • ब्याज दर (साधारण ब्याज) – विभिन्न ऋण धनराशियों पर विभिन्न दरें लागू हैं, जैसे:
    • ₹0.50 लाख से कम – लगभग 5% वार्षिक
    • ₹0.50 लाख से ₹5.0 लाख तक – लगभग 6% वार्षिक
    • ₹5.0 लाख से ₹15.0 लाख तक – लगभग 7% वार्षिक
    • ₹15.0 लाख से ₹30.0 लाख तक – लगभग 8% वार्षिक
    • ₹30.0 लाख से ₹50.0 लाख तक – लगभग 9% वार्षिक
    • महिलाओं दिव्यांगों और अन्य विशेष मामलों में ₹50,000 तक के स्वरोज़गार ऋण पर 1% ब्याज में छूट मिलती है। 
  • ऋण भुगतान की अधिकतम अवधि लगभग 10 वर्ष है। 

Divyangjan Swavlamban Yojna के तहत किन गतिविधियों के लिए ऋण मिल सकता है?

इस योजना के तहत निम्नलिखित प्रकार की गतिविधियों के लिए ऋण संभव है –

  • स्वयं-रोज़गार/व्यवसाय प्रारंभ (ऑटो रिक्शा, टेलरिंग, बेकरी, खुदाई/कृषि सम्बन्धी व्यवसाय आदि) 
  • उच्च शिक्षा (UG/PG/प्रोफेशनल पाठ्यक्रम) या कौशल-विकास प्रशिक्षण (ITI, डिप्लोमा आदि) 
  • सहायक उपकरण खरीदी-फिटमेंट/मशीन-सुधार/वाहन रूपांतरण ताकि दिव्यांग व्यक्तियों की कार्य-क्षमता बढ़ सके। 
  • समूह/स्वयं-सहायता समूह (SHG) माध्यम से माइक्रो-उद्यम विकास आदि। 

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Divyangjan Swavlamban Yojna – आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन हेतु निर्धारित फॉर्म को संबंधित कार्यान्वयन एजेंसी के पास प्रस्तुत करना होता है। 
  • आवेदन दर्ज करते समय निम्नलिखित विवरण उपलब्ध कराने आवश्यक हैं:
    1. व्यक्तिगत विवरण व पता
    2. दिव्यांगता से संबंधित विवरण
    3. रोजगार/व्यवसाय से संबंधित विवरण
    4. पहचान-प्रमाण (प्रूफ) तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज़ 
  • आवेदन के बाद एजेंसी द्वारा योग्य होने पर ऋण स्वीकृति, सुरक्षा-प्रबंध एवं अनुशासन के साथ राशि जारी की जाती है।

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – अनुदान और अन्य सुविधाएँ

  • इस योजना के माध्यम से लाभार्थियों को बेहतर जीवन-स्तर प्राप्त करने, आय-सृजन गतिविधि में वृद्धि करने तथा सामाजिक समावेश बढ़ाने हेतु सहायता मिलती है।
  • वर्ष दर वर्ष विभिन्न राज्यों में इस योजना के वितरित ऋण एवं लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • ऋण चुकौती (भुगतान) व उपयोग-प्रगति की निगरानी के लिए आरूपी एजेंसियों द्वारा व्यवस्था की गई है। 

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना – महत्वपूर्ण बिंदु

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना हेतु आवेदन करते समय कुछ ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं।

  • आवेदन दर्ज करते समय दिव्यांगता प्रमाणपत्र व अन्य आवश्यक दस्तावेज सही व पूर्ण हों।
  • व्यवसाय शुरू करते समय बिज़नेस-प्लान तैयार करने से एजेंसी को स्वीकृति मिलने में मदद मिलती है।
  • ब्याज व भुगतान (चुकौती) अवधि की शर्तें ध्यान से समझें ताकि भविष्य में समस्या न हो।
  • व्यवसाय परिचालन व ऋण चुकौती के दौरान नियमित लेखा-जोखा रखें।
  • किसी भी विवाद या समस्या के मामले में NDFDC के स्थानीय कार्यालय या चयनित बैंक से सहायता लें।

NDFDC – महत्वपूर्ण लिंक

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प्रश्न – NDFDC क्या है?

उत्तर – NDFDC यानी नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत स्थापित एक ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ संस्था है। इसकी स्थापना 24 जनवरी 1997 को दिव्यांग व्यक्तियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए की गई थी।

प्रश्न – NDFDC का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर – इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है – जैसे शिक्षा, स्वरोजगार, व्यवसाय शुरू करने या सहायक उपकरण खरीदने के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन प्रदान करना।

प्रश्न – NDFDC का संपर्क पता क्या है?

उत्तर – पता: यूनिट नं. 11-12, ग्राउंड फ्लोर, DLF प्राइम टॉवर, ओखला फेज-I, नई दिल्ली – 110020
फोन – 011-45803730, ईमेल: nhfdc97@gmail.com, वेबसाइट: www.nhfdc.nic.in

प्रश्न – क्या दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना के लिए कोई आय सीमा है?

उत्तर – नहीं, NDFDC लोन योजना में किसी भी प्रकार की आय सीमा निर्धारित नहीं है। पात्रता केवल  दिव्यांग ता और आयु पर आधारित होती है।

प्रश्न – क्या महिलाओं को दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना के तहत कोई विशेष लाभ मिलता है?

उत्तर – हाँ, दिव्यांग महिलाओं को ₹50,000 तक के स्वरोजगार लोन पर ब्याज दर में 1% की छूट दी जाती है। यह छूट NDFDC द्वारा वहन की जाती है।

प्रश्न – NDFDC से लोन के लिए आवेदन कैसे करें?

उत्तर – आवेदनकर्ता को NDFDC की राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी, पब्लिक सेक्टर बैंक (PSB) या रीजनल रूरल बैंक (RRB) से संपर्क करना होता है। आवेदन फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, पात्रता तय होने पर लोन स्वीकृत किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए www.ndfdc.nic.in पर जाएं।

प्रश्न – इस योजना से छात्रों और युवाओं को क्या लाभ मिलते हैं?

उत्तर – यह योजना विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों और युवाओं को शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने के लिए वित्तीय समर्थन देती है। इससे वे स्वावलंबी, आत्मविश्वासी बनकर समाज में सार्थक योगदान कर पाते हैं।

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