Home साक्षात्कार शीतल कनौजिया की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने उन्हें कैसे सफलता की ओर अग्रसर किया, पढ़ें
Sheetal Kanoujia (IDFC First Bank Scholar)

शीतल कनौजिया की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने उन्हें कैसे सफलता की ओर अग्रसर किया, पढ़ें

by Bhawana

बाधाएं पत्थर की तरह होती हैं जो हमें धीमा तो करती हैं लेकिन हमें हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती हैं”। – शीतल कनौजिया (IDFC First Bank Scholar)

अपने सपनों को न छोड़ने के लिए, शीतल हर किसी को बताती है कि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता सफलता की राह प्रशस्त कर सकती है। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा के लिए एक स्टैंड लिया और इस धारणा को तोड़ दिया कि सिर्फ शादी ही एक महिला की नियति है। वह अपने करियर के लिए अटल रही और अपने रास्ते में आने वाली हर बाधा से अकेले निपटी। इसके अलावा, IDFC First Bank ने उन्हें आर्थिक सहायता देकर उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय को पहचाना। बडी4स्टडी ने उनसे उनके अनुभवों और भविष्य के योजनाओं के बारे में बात की है। इस स्कॉलर के सफलता की कहानी के कुछ अंश जो इंटरव्यू के दौरान पूछे गए हैं आप भी पढ़े:

बडी4स्टडी: कृपया अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि को संक्षिप्त (कक्षा दसवीं/ बारहवीं के अंक, स्कूल का नाम और कॉलेज का नाम) बतायें। इसके अलावा, मैनेजमेंट प्रोग्राम करने से पहले आपके पास कोई कार्य अनुभव है तो वह भी उल्लेख करें।

शीतल: मैंने कक्षा 10 विज्ञान संकाय से एसपीएसएसआईसी, साई पिपरावन, उत्तर प्रदेश से 79.8 प्रतिशत अंकों के साथ पूरा किया है और कक्षा 12 चेतराम शर्मा गर्ल्स इंटर कॉलेज, सदरपुर स्थित एक अर्ध-सरकारी कॉलेज, यू.पी. से कॉमर्स स्ट्रीम में 72 प्रतिशत अंकों के साथ पास किया। इसके बाद, मैंने 54% अंकों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय (स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग) से बी.कॉम किया। वर्तमान में, मैं एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से बैंकिंग और फाइनेंस में पीजीडीएम कर रही हूं। मैंने इस कोर्स को करने से पहले 9 महीने के लिए हनी कांसल प्राइवेट एसोसिएशन में एक एकाउंटेंट के रूप में काम किया है। मुझे वहाँ बहुत कुछ सीखने को मिला जैसे एकाउंटिंग, ऑडिटिंग, आयकर रिटर्न, जीएसटी भरना, डायरेक्ट क्लाइंट डीलिंग और भी बहुत कुछ सीखीं।

बडी4स्टडी: आप एमबीए कोर्स क्यों करना चाहती थी?

शीतल: मैं जब 8 वर्ष की थी तब से मैं एक सफल बैंकर बनना चाहती हूं। मुझे अपनी मिड-इनकम बैकग्राउंड की वजह से वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेरे पिता, जो परिवार में एकमात्र कमाने वाले हैं, वास्तव में कड़ी मेहनत करते हैं और अपने दम पर सब कुछ प्रबंधित करते हैं। यही कारण है कि मैंने एमबीए करने का फैसला किया ताकि मैं प्रबंधन कौशल को और भी अच्छे तरीके से सीख सकूं और हमारी वित्तीय स्थिति पर काबू पा सकूं। इसके अलावा, कक्षा 12 के दौरान मुझे एकाउंटेंसी बहुत आकर्षित किया, और मुझे एमबीए करने के लिए मजबूर किया।Scholarship Registration, Get Scholarship Update

बडी4स्टडी: अपने एमबीए के प्रवेश के दौरान आपको किन महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

शीतल: अपने सपनो को पूरा करने के दौरान जो बड़ी बाधा आई, वह थी वित्तीय संकट। मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां एक अकेला व्यक्ति पूरे परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कमा रहा है। आर्थिक स्थिति की ऐसी हालत में उच्च अध्ययन के बारे में सोचना मेरा सबसे बड़ा डर था। मुझे ग्रेजुएशन कोर्स में पढ़ाना हीं मेरे माता-पिता के लिए बहुत कठिन था। मैं उनके कंधों पर अपने एमबीए की फीस की बोझ नहीं डालना चाहती थी। इसलिए मुझे एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करना पड़ा। ऋण के लिए आवेदन करना और उसे प्राप्त करने में सक्षम होना भी अपने आप में मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी।

बडी4स्टडी: आपकी प्रेरणा का स्रोत क्या है जो आपको अपनी पढ़ाई के लिए प्रेरित करता है?

शीतल: मेरी कड़ी मेहनत का कारण मेरी वर्तमान वित्तीय स्थिति है। मैं हमेशा इस स्थिति से निकलने के लिए खुद को आगे बढ़ाती हूं, जिससे मुझे अधिक मेहनत करनी पड़ती है। मैंने बचपन से अपने पिता को कड़ी मेहनत करते देखा है। इसलिए वे मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने हमेशा संघर्ष किया और कोशिश करना कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने मुझे लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया ताकि वें भी अपनी बेटी पर गर्व कर सकें।

बडी4स्टडी: किसी भी चुनौती को पार करने के लिए आप खुद को कैसे प्रेरित करते हैं?

शीतल: मैं अपने प्रोफेशनल और पर्सनल गोल्स को याद रखती हूं। और मुझे पता है, कि उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी। इसी तरह मैं किसी भी चुनौती से उबरने के लिए खुद को प्रेरित करती हूं। बाधाएं ऐसे पत्थरों की तरह होती हैं जो हमें धीमा कर सकती हैं लेकिन हमें हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती हैं।

बडी4स्टडी: वित्तीय बाधाओं के बावजूद, आपने एमबीए कोर्स करने का फैसला किया। जब आपने अपने माता-पिता को अपनी महत्वाकांक्षाओं के बारे में बताया तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?

शीतल: जब मैंने अपने माता-पिता को एमबीए करने की अपनी इच्छा के बारे में बताया, तो उन्होंने तुरंत कहा “नहीं”! वे इनकार करते रहे क्योंकि उनका विचार एमबीए में निवेश करने के बजाय मेरी शादी के लिए अपने संसाधनों को बचाने का था। हालाँकि, मेरे निश्चय को देखने के बाद वे इसके लिए सहमत हुए।

बडी4स्टडी: आपको IDFC FIRST Bank MBA स्कॉलरशिप के बारे में कैसे पता चला? स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए आपने क्या प्रक्रिया अपनाई?

शीतल: हमारी एडमिशन गाइड श्रीमती अंशिता मदान सेन ने हमें इस स्कॉलरशिप के बारे में जानकारी दी। मैं स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करना चाहती थी, लेकिन नेटवर्क कनेक्टिविटी की कमी के कारण, मैं फॉर्म जमा करने में असमर्थ थी। अंशिता मैम ने मुझे व्यक्तिगत रूप से फॉर्म भरने और आवश्यक दस्तावेज को पूरा करने में मदद की। मैंने डॉक्यूमेंटेशन राउंड क्लियर किया और टेलीफोनिक इंटरव्यू के लिए चयनित हो गयी और एक महीने के बाद मुझे स्कॉलरशिप के लिए चुना गया।

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बडी4स्टडी: आपने किन बी- स्कूलों के लिए क्वालीफाई किया?

शीतल: मैंने इस कॉलेज के अलावा किसी भी बी-स्कूल के लिए आवेदन नहीं किया है।

बडी4स्टडी: आपने भविष्य में अपने लिए कौन से लक्ष्य निर्धारित किए हैं?

शीतल: मैं भविष्य में एक सफल बैंकर बनना चाहती हूं। मैं कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हूं और इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक हर चीज करूंगी।

बडी4स्टडी: उच्च शिक्षा प्राप्त करने में विभिन्न चुनौतियों का सामना करने वाले युवाओं को आप क्या सलाह देंगे?

शीतल: मैं उन सभी विद्यार्थियों को यह सुझाव दूंगी की अगर वित्तीय संकट के कारण आप अपने मन में स्पष्ट लक्ष्य नहीं सोच पा रहे हैं। संघर्ष जीवन का हिस्सा हैं और किसी को भी इनकी वजह से कभी भी हतप्रभ नहीं होना चाहिए। हमें खुद पर विश्वास रखने और अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है। निश्चित रूप से, एक उज्ज्वल भविष्य की ओर एक रास्ता है। मैं सभी भविष्य के उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देती हूं।

बडी4स्टडी: आप अपनी स्कॉलरशिप फंड का उपयोग कैसे करेंगे?

शीतल: मैं अपने कॉलेज की फीस स्कॉलरशिप फंड से चुकाऊंगी।

बडी4स्टडी: अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत करने के बाद, समाज को वापस देने पर आपके क्या विचार हैं?

शीतल: मैं उन जानवरों के बारे में सोचती हूं जिनके पास अपनी आजीविका के लिए कोई आश्रय और भोजन नहीं होता हैं। जब मैं अपना पेशेवर जीवन शुरू करूंगी, तो मैं निश्चित रूप से उनके लिए कुछ करूंगी। मैं अन्य विद्यार्थियों को भी अपने सपनों को न छोड़ने के लिए प्रेरित करूंगी। मेरे जैसे विद्यार्थी हमेशा अपने जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं लेकिन परिस्थितियों के कारण हममें से कुछ लोग हार मान लेते हैं और कुछ अपने लक्ष्य के लिए लड़ते रहते हैं। मेरा मानना है कि अगर हम लक्ष्य की स्पष्टता रखते हैं और कड़ी मेहनत करते रहते हैं, तो कोई भी बाधा हमें इसे हासिल करने से नहीं रोक सकती।

शीतल ने अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को तोड़कर, साबित कर दिया है कि कोई भी सीमा आपके सपनों को हासिल करने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने हर महिला के लिए एक मिसाल कायम की है। यदि आप शीतल की कहानी से प्रेरित हुए हैं, तो आप दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन सकते हैं। अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुरूप स्कॉलरशिप को बडी4स्टडी में खोजें और अपने शैक्षिक सपनों को पूरा करें।

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