Career After 12th – करियर काउंसलर का रोल स्टूडेंट्स के क्षमताओं का सही आंकलन कर उन्हें करियर की सही दिशा में गाइड करने में बहुत महत्वपूर्ण होता है। करियर काउंसलिंग छात्रों को उनकी प्रोफेशनल लाइफ में आने वाली सामान्य चुनौतियों से उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। करियर काउंसलिंग के माध्यम से उचित परामर्श केवल विशेषज्ञों के सुझावों पर ही नहीं निर्भर करता है, बल्कि छात्रों द्वारा दी गई जानकारी पर भी। करियर परामर्श छात्रों को समझने के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण है। सर्वश्रेष्ठ करियर का चयन करने के लिए, करियर परामर्श छात्रों के लिए हमेशा एक निर्धारक कारक होता है।
छात्र 12वीं कक्षा के बाद करियर में असमंजस की स्थिति से निपटने के लिए करियर काउंसलर से संपर्क कर सकते हैं। करियर काउंसलिंग के माध्यम से छात्रों को मार्गदर्शन के अलावा, रुझान एवं अपनी क्षमताओं का बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलती है, ताकि कोई छात्र आगे की शिक्षा और करियर के बारे में सोच-समझ कर निर्णय ले सके। करियर को लेकर छात्रों में उलझन होना आम बात है, इसका प्रमुख कारण है अपने टैलेंट को पहचाने बिना ही किसी भी फील्ड में काम करने का निर्णय लेना। वे अनेक प्रकार के कोर्स भी करते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती है। वहीं अगर विद्यार्थियों को एक सही मार्गदर्शन करने वाला व्यक्ति मिल जाए तो वह अपने जीवन में आगे का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। काउंसलिंग विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने में सहायक साबित होती है, जैसे –
- एकाग्रता का अभाव
- खराब समय प्रबंधन
- परिवार के साथ विश्वास संबंधी मुद्दे
- माता-पिता और बच्चों के बीच असहमति
इस बात पर अक्सर असहमति होती है कि कौन सा करियर विकल्प सटीक है। कॉलेज के छात्रों के लिए लक्ष्यों की पहचान करना बहुत जरुरी हो जाता है। तभी वह अपने लिए सही करियर का चयन कर भविष्य में नौकरी के नये एवं बेहतरीन अवसर पा सकते हैं। छात्राओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने करियर का चयन किसी दबाव आकर या जल्दबाज़ी में न करें। इसके अलावा करियर काउंसलर यह भी सुनिश्चित करता है कि छात्रों कि पहचान और समस्याएं गोपनीय बनी रहे।
यह भी पढ़े : BUDDY4STUDY के जरिए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कैसे करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड!
Career After 12th: काउंसलिंग से स्नातक छात्रों के करियर लक्ष्यों की पहचान
- निकट भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए कोर्स और नौकरियों पर विचार करना जिस विषय या क्षेत्र विशेष में छात्र की रूचि हैं । इस सूची का एक दस्तावेज़ (Documents) बना कर रखना सहायक होता है। इस सूची में सीमित विकल्प/करियर का चुनाव अपने रूचि, क्षमता उपलब्ध संसाधन तथा सूचनात्मक साक्षात्कारों (Informational Interviews) के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर करना शुरू करें।
- इसके अतिरिक्त, छात्र सलाहकार, करियर काउंसलर से परामर्श कर एक ठोस कदम उठा सकते हैं। करियर परामर्शदाता छात्र को सहायता और जवाबदेही प्रदान करता है।
- 12वीं कक्षा के बाद छात्रों को यह तय करना होता है कि कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई जारी रखें या फिर कोई जॉब (नौकरी) करें। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना उनके लिए जरुरी साबित होता है।
- तकनीकी शिक्षा के प्रति जागरूकता भी करियर काउंसलिंग में शामिल है।
Career After 12th: सही नौकरी एवं करियर विकल्प का चुनाव महत्वपूर्ण होता है!
करियर का निर्णय अतीत में अध्ययन किये गए विषय और छात्र की रुचि पर निर्भर करता है। किस प्रकार के विषय छात्र को सबसे रुचिकर एवं प्रभावित करते थे और क्यों? वह शिक्षा के क्षेत्र में किस तरह से आगे बढ़ना एवं क्या बनना चाहते थे, इसके बारे में छात्र के क्या विचार थे? यह सभी प्रश्न करियर चयन के समय में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
करियर काउंसलिंग से छात्र को यह समझने में मदद मिलती है कि उनके पास क्या सही करियर विकल्प हैं और उन्हें कैसे आगे बढ़ाया जाए?
- करियर काउंसलिंग छात्र को उनके वर्तमान पाठ्यक्रम अथवा कार्य से सम्बंधित उनकी क्षमताओं और कमियों की बेहतर समझ प्रदान करती है, और उन्हें यह मार्गदर्शित करती है कि उनके लिए कौन सा करियर सटीक एवं सही होगा।
- करियर काउंसलिंग छात्र को अपनी राय देने के लिए एक मंच प्रदान करती है, इसके साथ ही उन समस्याओं पर चर्चा करने का अवसर देती है जिनके बारे में छात्र अपने आप को दुविधा में पा सकते हैं।
- करियर काउंसलिंग एक तनावयुक्त क्षेत्र से तनावमुक्त क्षेत्र में प्रवेश की स्तिथि हैं।
एक करियर काउंसलर बीएससी इन साइकोलॉजी (B.Sc. in Psychology), बीए इन साइकोलॉजी (B.A. in Psychology), बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी (B.A. Honors in Psychology) आदि पाठ्यक्रम में अध्ययन करते हैं। जिसके बाद इन्हीं विषयों में मास्टर की डिग्री ले कर करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी (PG Diploma in Psychology), पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउन्सलिंग (PG Diploma in Guidance and Counseling) जैसे डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले कर अनुभव एवं दक्षता हासिल करते हैं। अनुभवी काउंसलर करियर काउंसलिंग के माध्यम से छात्रों को विभिन्न अवसरों एवं रोजगार की जानकारी प्रदान कर उनका करियर मार्ग प्रशस्त करता है, इसके साथ उनमें आत्मविश्वास की भावना जगाता है।
करियर काउंसलिंग से छात्र अपनी क्षमताओं में वृद्धि तथा अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं।
जब छात्रों से उनकी कमियों तथा खूबियों एवं रूचि के बारे में पूछा जाता है, तब वे भ्रमित हो जाते हैं। निश्चित रूप से, वे कुछ बिंदुओं को सूचीबद्ध करते हैं, लेकिन जिसके कारण कुछ प्रमुख बिंदु पीछे छूट सकते हैं। अपने व्यक्तित्व के गुणों की पहचान करने से उन्हें अपना पसंदीदा करियर चुनने में मदद मिल सकती है। छात्रों में विभिन्न प्रकार के निम्नलिखित गुण मौजूद होते हैं।
- अनुसंधान कौशल (Research Skills)
- संचार कौशल (Communication Skills)
- समस्या-समाधान क्षमता (Problem-solving Ability)
- टीम वर्क (Team Work)
- पारस्परिक कौशल (Government Assistance)
- सक्रिय रूप से सुनने की क्षमता (Ability to listen actively) इत्यादि शामिल हैं।
करियर काउंसलिंग के माध्यम से निम्नलिखित सहायता मिलती है-
- करियर काउंसलिंग/करियर परामर्श छात्रों और प्रोफेशनल्स (पेशेवर) को करियर के सम्बंधित अवसरों और विकल्पों को समझने में मदद करता है।
- यह उन्हें अपनी विशेषता, क्षमताओं और कमियों का विश्लेषण करने में मदद करता है एवं सही करियर दिशा को खोजने में मदद करता है।
- करियर परामर्श एक विस्तृत कार्यान्वयन योजना भी प्रदान करता है जिसमें करियर के प्रति स्पष्टता प्राप्त होती है।
- इससे करियर विकास पर प्रभाव डालने वाले कारकों की पहचान होती है।
- करियर परामर्श छात्रों और प्रोफेशनल्स (पेशेवर) के आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाने में मदद करता है।
यह छात्र और उस प्रोफेशन (Profession) पर निर्भर करता है जिसे वे अपनाना चाहते हैं। छात्र अपनी क्षमताओं का स्पष्ट रूप से पहचान करने के लिए, पहले साइकोमेट्रिक परीक्षणों (Psychometric Tests) की मदद से आकलन कर उसके अनुसार कैसे सुधार करना है, इसका नियोजन कर सकते हैं। इससे न केवल उन्हें अपनी क्षमता बढ़ाने में बल्कि अपनी कमियों को भी दुरुस्त करने में मदद मिलेगी।
एक छात्र के लिए, यह केवल अच्छी पढ़ाई करने और अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के बारे में नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे अपने दैनिक कार्य में कितने अनुशासित हैं। एक छात्र की भूमिका आस-पास उपलब्ध हर चीज़ से ज्ञान प्राप्त करने में निहित है। उनके लिए किताब सिर्फ सीखने का एकमात्र स्रोत नहीं है; एक विद्यार्थी को संसार में विद्यमान विभिन्न गुणों को सीखना चाहिए। एक प्रतिभाशाली छात्र शैक्षणिक सफलता और व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक गुणों के मिश्रण का प्रतीक होता है। करियर काउंसलिंग के माध्यम से इन क्षमताओं को उभरने में सहायता मिलती है।
यह भी पढ़े : करियर मूल्यांकन: अपनी योग्यता और कौशल का आकलन करें!
Career After 12th: कॉलेज करियर काउंसलिंग सेल (Career Counselling Cell)
छात्रों के करियर से सम्बंधित समस्याओं को ध्यान में रख कर कॉलेज प्रशासन द्वारा करियर प्लेसमेंट सेल की सुविधा दी जाती है। कुछ कॉलेजों द्वारा छात्रों के लिए नौकरी की राह में एक नयी दिशा प्रदान की जाती है। जहां पर छात्रों की काउंसलिंग के साथ-साथ तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए रोजगार मेला भी लगाया जाता है। यह रोजगार मेला कॉलेज कैंपस में ही लगता है जिसमें कई कंपनियों को आमंत्रित किया जाता है। इससे छात्रों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ता। उन्हें कैंपस से ही प्लेसमेंट Placement मिलता है। कई बार जब किसी छात्र को नौकरी नहीं मिल पाती है, तब वह निराश होकर घर बैठ जाते हैं। इस सन्दर्भ में कॉलेज प्रशासन द्वारा संचालित करियर काउंसलिंग सेल बनाना महत्वपूर्ण हो जाता है। करियर काउंसलिंग सेल छात्रों को पर्सेनालिटी डेवलपमेंट (Personality Development) ट्रेनिंग की सुविधा भी देता है। इससे छात्रों के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। इसका लाभ उन्हें नौकरी के दौरान होता है।
यह भी पढ़े : 12वीं कक्षा के बाद क्या? CAREER ASSESSMENT कैसे मदद करता है?
Career After 12th: करियर काउंसलिंग का छात्रों के भविष्य में प्रभाव |
करियर काउंसलर कौशल और ज्ञान के साथ प्रशिक्षण देकर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभातें हैं। चाहे आप कहीं भी काम करने का निर्णय लें, काउंसलिंग तथा प्रशिक्षण द्वारा विकसित कौशल से आपको लाभ होगा। छात्र अपने विश्वविद्यालय में करियर परामर्श सत्र में भाग लेकर, नौकरी करने से पहले ही अपने अंदर पेशेवर कौशल का विकास कर सकते हैं। करियर काउंसलर एक प्रशिक्षक से कहीं अधिक है, और उनके निरंतर मार्गदर्शन से एक आधार तैयार करने में मदद मिलेगी जो आज के बदलते परिवेश में अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
FAQs – करियर काउंसलिंग से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न1: करियर काउंसलर की क्या भूमिका है?
उ. वर्तमान परिवेश में हर चीज में कम्पीटीशन बढ़ गया है। किसी भी क्षेत्र में युवाओं के सफल होने के चांस केवल तभी ज्यादा हो सकता है जब उससे संबंधित जानकारी उसके पास मौजूद हो। करियर काउंसलर की भूमिका छात्रों को सलाह देने से शुरू होती है, कि इच्छुक छात्र कौन से विषय अथवा क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। और इस प्रकार उन्हें एक सही दिशा दिखाकर उनकी समस्या का समाधान करता है। एक करियर काउंसलर युवाओं की इंटरेस्ट, स्किल्स के आधार पर उन्हें सही फील्ड चुनने में सहायता करता है।
प्रश्न2: करियर काउंसलिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
उ.करियर मार्गदर्शन व्यक्तियों को उपयुक्त करियर विकल्पों के साथ अपने कौशल, रुचियों और मूल्यों को को बेहतर रूप से समझने में मदद करता है। यह विभिन्न करियर फील्ड की पहचान करने, बाजार के रुझानों को समझने और सार्थक करियर को आगे बढ़ाने के लिए सूचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है।
प्रश्न3: करियर काउंसलिंग/करियर परामर्श के क्या लाभ हैं?
उ. करियर काउंसलिंग से छात्र निम्नलिखित लाभ पा सकते हैं:
- टारगेट/लक्ष्य की पहचान कर पूरा कर सकते हैं।
- सही मार्दर्शन पा कर अपनी शंकाएं एवं कमियों को दूर कर सकते हैं।
- सकारात्मक सोच विकसित कर सकते हैं।
- करियर परामर्श एक विस्तृत कार्यान्वयन योजना भी प्रदान करता है जिसमें करियर के प्रति स्पष्टता प्राप्त होती है।
- इससे करियर विकास पर प्रभाव डालने वाले कारकों की पहचान होती है।
- करियर परामर्श छात्रों और प्रोफेशनल्स (पेशेवर) के आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाने में मदद करता है।
- पैसे व समय की बचत कर सकते हैं।
प्रश्न4: करियर निर्णय लेते समय एंग्जाइटी (Anxiety) को कैसे कम किया जा सकता है?
अधिकांश छात्र अपने करियर की योजना बनाते समय काफी दबाव, चिंता के दौर से गुजरते हैं। छात्र के साथ उनके माता-पिता भी एंग्जाइटी का सामना करते हैं। करियर काउंसलर इन छात्रों और उनके माता-पिता को करियर योजना में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और उनकी चिंता और दबाव को काफी हद तक कम करते हैं।
प्रश्न5: यदि मैं करियर काउंसलर बनना चाहता हूँ, तो मुझे क्या करना होगा?
करियर काउंसलर बनने के लिए आपको इससे जुड़ा हुआ कोर्स करना होगा, जिसे आप 12वीं कक्षा अथवा ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। 12वीं के बाद आप बीएससी इन साइकोलॉजी, बीए इन साइकोलॉजी, बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी आदि पाठ्यक्रम में अध्ययन कर सकते हैं। जिसके बाद आप इन्हीं विषयों में मास्टर की डिग्री ले सकते हैं। वहीं आप करियर काउंसलिंग में पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउन्सलिंग जैसे डिप्लोमा कोर्स में भी दाखिला ले सकते हैं।
प्रश्न6: करियर काउंसलिंग सेल के अंतर्गत छात्रों को किस प्रकार से ट्रेनिंग सुविधा दी जाती है?
करियर काउंसलिंग सेल छात्रों को पर्सेनालिटी डेवलपमेंट (Personality Development) ट्रेनिंग की सुविधा से लेकर करियर परामर्श, छात्रों को ज्ञान और कौशल, कठिन कार्य के प्रति प्रयास एवं सकारात्मक दृश्टिकोण विकसित करता है। छात्रों की मानसिकता को समझने में करियर काउंसलिंग सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह भी पढ़े : स्वयं (SWAYAM) ऑनलाइन पोर्टल – शिक्षा नीति के मुख्य सिद्धांत को साकार करने हेतु शिक्षण संसाधन