विकलांगता अथवा दिव्यांगता प्रमाणपत्र, विशेष क्षमता युक्त व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह विशेष रूप से विकलांगता से पीड़ित व्यक्तियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले लाभों, सुविधाओं और रियायतों का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
किसी व्यक्ति की विकलांगता अथवा दिव्यांगता के प्रकार और सीमा को सत्यापित करने के लिए चिकित्सा अधिकारियों द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। इसके अलावा, विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा विकलांगता से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एक विशिष्ट विकलांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड का प्रावधान शुरू किया है। लेख में विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) के लाभ, आवश्यक दस्तावेज़, वैधता और आवेदन प्रक्रिया के बारे में सभी जानकारी शामिल है।
विकलांगता प्रमाणपत्र – संक्षिप्त विवरण
लेख का विषय | विकलांगता प्रमाणपत्र |
लाभार्थी | विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति |
लाभ | सरकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सुविधाओं और रियायतों का लाभ प्राप्त करने हेतु |
आवेदन कैसे करें | ऑनलाइन |
वर्ष | 2024 |
ऑफिशियल वेबसाइट | https://www.swavlambancard.gov.in/ |
विकलांगता प्रमाणपत्र – उद्देश्य
दिव्यांगों के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस (आंकड़ों का समूह) बनाने और एक विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र जारी करने के उद्देश्य से “विकलांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट आईडी” परियोजना लागू की जा रही है। यह परियोजना न केवल पारदर्शिता, दक्षता और वितरण को प्रोत्साहित करेगी बल्कि दिव्यांगों को लाभ पहुंचाकर एकरूपता भी सुनिश्चित करेगी। यह परियोजना कार्यान्वयन के पदानुक्रम के सभी स्तरों पर लाभार्थी की भौतिक और वित्तीय प्रगति की ट्रैकिंग को सुव्यवस्थित करने में भी मदद करेगी।
विकलांगता प्रमाणपत्र – विकलांगता प्रमाणपत्र कौन जारी करता है?
संबंधित राज्यों और जिलों के मेडिकल बोर्ड विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) जारी करते हैं। बोर्ड में आम तौर पर जिले में एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी या एक उप-विभागीय चिकित्सा अधिकारी और निर्दिष्ट क्षेत्र में एक अन्य विशेषज्ञ जैसे ईएनटी सर्जन, नेत्र सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, ऑडियोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक, नैदानिक (क्लीनिकल परीक्षण) मनोवैज्ञानिक, आदि शामिल होते हैं। पीडब्ल्यूडी उम्मीदवार चिकित्सा अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे विशिष्ट आईडी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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विकलांगता प्रमाणपत्र – लाभ
विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate), विकलांगता से पीड़ित व्यक्तियों को उनकी विकलांगता के प्रकार और सीमा के आधार पर कई लाभ प्राप्त करने की अनुमति देता है। केंद्र और राज्य सरकारों ने पीडब्लूडी उम्मीदवारों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं जिनका लाभ केवल तभी लिया जा सकता है जब उम्मीदवार के पास विकलांगता प्रमाणपत्र हो।
विकलांगता प्रमाणपत्र धारक को मिलने वाले लाभों की सूची नीचे दी गई है।
- विकलांग छात्रों के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति योजनाएँ
- इनकम टैक्स में कमी
- रेल किराये में छूट
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण
- नया व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण सुविधा
- राज्य परिवहन में निःशुल्क यात्रा की सुविधा
- रियायती दरों पर सहायक उपकरणों और कृत्रिम उपकरणों तक पहुंच
- बेरोजगारी भत्ता (शिक्षित विकलांग व्यक्तियों के लिए लागू)
- समूह बीमा (विकलांग सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू)
- अनुकूलित वाहन और कई अन्य चीजें खरीदने के लिए सब्सिडी
विकलांगता प्रमाणपत्र – पात्रता मानदंड
विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
40% या इससे अधिक विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति विकलांगता प्रमाण पत्र (Disability Certificate) के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते उनकी विकलांगता, विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत निर्दिष्ट श्रेणियों के अंतर्गत आती हो। इस अधिनियम के अनुसार, एक पीडब्ल्यूडी (विकलांग व्यक्ति) वह है जो नीचे दी गई श्रेणियों में उल्लिखित विकलांगता से पीड़ित हो।
1. शारीरिक अक्षमताएं
दृष्टि बाधित – अंधापन, कम दृष्टि
लोकोमोटर विकलांगता – कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति, सेरेब्रल पाल्सी, बौनापन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, एसिड अटैक पीड़ित
श्रवण बाधित – बधिर, सुनने में कठिनाई
मूक और वाणी विकलांगता
2. बौद्धिक अक्षमताएं
विशिष्ट रूप में सीखने की अक्षमताएँ
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (विकासात्मक विकलांगता)
3. मानसिक व्यवहार
मानसिक बीमारी
4. विकलांगता के कारण
क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां – पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस
रक्त विकार – हीमोफीलिया, सिकल सेल रोग, थैलेसीमिया
5. एकाधिक विकलांगता
ऊपर निर्दिष्ट विकलांगताओं में से एक से अधिक
6. कोई अन्य श्रेणी – जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है ।
विकलांगता प्रमाणपत्र – यूडीआईडी कार्ड क्या है?
भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने यूडीआईडी प्रोजेक्ट के तहत यूडीआईडी (यूनिक डिसएबिलिटी आईडी) की पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र और सार्वभौमिक आईडी जारी करने के लिए एक समग्र प्रणाली सुविधा प्रदान करना है। यूडीआईडी कार्ड में पीडब्ल्यूडी उम्मीदवार की पहचान और विकलांगता का विवरण होता है। इसके अलावा, यह कार्ड कई लाभ प्रदान करता है, जो इस प्रकार हैं –
- पीडब्ल्यूडी उम्मीदवार को कई दस्तावेज़ बनाने और अपने साथ ले जाने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यूडीआईडी कार्ड सभी आवश्यक विवरण प्रस्तुत करता है।
- यह कार्ड दिव्यांग उम्मीदवारों की पहचान और सत्यापन के लिए एकल दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।
विकलांगता प्रमाणपत्र – आवश्यक दस्तावेज़
यूडीआईडी पोर्टल के माध्यम से विकलांगता प्रमाण पत्र (Disability Certificate) के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय, उम्मीदवार को अपने आवेदन पत्र के साथ कुछ दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करनी होंगी। ये दस्तावेज निम्नलिखित हैं –
- आवेदक की नवीनतम रंगीन फोटो
- आवेदक के हस्ताक्षर/अंगूठे का निशान (वैकल्पिक)
- पते का प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, आदि)
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आदि)
- आय प्रमाण
- जाति प्रमाण पत्र (केवल एससी/एसटी/ओबीसी उम्मीदवारों के लिए लागू)
- विकलांगता प्रमाण पत्र (उन व्यक्तियों के लिए लागू जिन्हें पहले से ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है)
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विकलांगता प्रमाणपत्र – आवेदन कैसे करें?
यूडीआईडी की केंद्रीकृत प्रणाली द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र (Disability Certificate) और परिचय पत्र (आईडी कार्ड) के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। चाहे नया विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाना हो या मौजूदा प्रमाण पत्र को नवीनीकृत करना हो, उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
चरण 1: यूडीआईडी कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: यूडीआईडी पर खाता बनाने के लिए ‘रजिस्टर‘ बटन पर क्लिक करें।
चरण 3: व्यक्तिगत विवरण, विकलांगता विवरण, रोजगार विवरण (यदि लागू हो), और पहचान विवरण भरें।
चरण 4: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और “सबमिट बटन” पर क्लिक करें।
चरण 5: पंजीकृत होने के बाद, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर लॉगिन क्रेडेंशियल (नामांकन संख्या/यूडीआईडी नंबर) मिलेगा।
चरण 6: नामांकन संख्या/यूडीआईडी नंबर और जन्म तिथि का उपयोग करके लॉगिन करें और “अप्लाई ऑनलाइन फॉर डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट” पर क्लिक करें।
चरण 7: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और डेटा सीएमओ कार्यालय/चिकित्सा प्राधिकरण को जमा करें।
चरण 8: सीएमओ कार्यालय/चिकित्सा प्राधिकरण डेटा का सत्यापन करता है और मूल्यांकन के लिए संबंधित विशेषज्ञ को नियुक्त करता है।
चरण 9: विशेषज्ञ डॉक्टर उम्मीदवार की विकलांगता का आंकलन करेंगे और मूल्यांकन रिपोर्ट देंगे।
चरण 10: फिर मेडिकल बोर्ड द्वारा मामले की समीक्षा की जाती है और विकलांगता प्रतिशत, दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वैधता निर्धारित की जाती है। मेडिकल बोर्ड अपने निर्णय की सूचना संबंधित सीएमओ/डीएमओ को देता है।
चरण 11: सीएमओ/डीएमओ द्वारा भरे गए मूल्यांकन विवरण के आधार पर, एक यूडीआईडी कार्ड तैयार किया जाता है। इसके बाद दिव्यांगजन को यूडीआईडी कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिया जाता है।
नोट:- आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 के अनुसार, यूडीआईडी कार्ड गृह जिला अस्पताल के साथ-साथ उस अस्पताल द्वारा भी जारी किया जा सकता है जहां विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति चिकित्सा उपचार ले रहा है।
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विकलांगता प्रमाणपत्र – वैधता
विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) की वैधता विकलांगता के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है। विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करने वाला चिकित्सा प्राधिकारी स्पष्ट रूप से उस दस्तावेज की वैद्यता अवधि का उल्लेख करता है। स्थायी विकलांगता की स्थिति में विकलांगता प्रमाणपत्र आजीवन वैध रहता है। हालाँकि, अस्थायी विकलांगता के मामले में प्रमाणपत्र/आईडी कार्ड पांच साल की अवधि के लिए वैध रहता है। इसे दिव्यांग व्यक्ति की चिकित्सा जांच के अधीन पांच साल में एक बार नवीनीकृत करना अनिवार्य है।
विकलांगता प्रमाणपत्र – संपर्क विवरण
विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) आवेदन या इसकी वैधता से संबंधित प्रश्न हेतु नीचे दिए गए विवरण पर संपर्क कर सकते हैं।
विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग,
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
कमरा नंबर 517, बी-द्वितीय ब्लॉक, अंत्योदय भवन,
सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड,
नई दिल्ली – 110003 (भारत)
91-93549-39703
91-11-2436 5019
disability-udid@gov.in
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न – यूडीआईडी कार्ड क्या है?
यूनिक डिसेबिलिटी आईडी (UDID), जिसे स्वावलंबन कार्ड भी कहा जाता है। यह विकलांगता से पीड़ित व्यक्तियों के लिए विशिष्ट आईडी होती है जो व्यक्ति को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले लाभों, सुविधाओं और रियायतों का लाभ उठाने की अनुमति देती है।
ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट – थर्ड जेंडर के लिए एक पहचान
प्रश्न – क्या यूडीआईडी पूरे भारत में मान्य है?
हाँ, यूडीआईडी कार्ड पूरे भारत में दिव्यांगजनों के लिए प्रमाण के रूप में मान्य है।
प्रश्न – यदि मेरी विकलांगता 40 प्रतिशत से कम है, तब भी यूडीआईडी कार्ड का कोई उपयोग है?
हाँ, नीचे दिए गए लाभ वे सभी दिव्यांगजन ले सकते हैं जिनके पास विकलांगता प्रमाण पत्र (Disability Certificate) है, और वे विकलांगता के प्रतिशत मानदंड को पूरा न करने के बावजूद यूडीआईडी पोर्टल पर नामांकित हैं।
16 दिसंबर, 2022 को डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 1 जनवरी, 2023 से यूडीआईडी कार्ड वाले दिव्यांगजनों के लिए एनआई (राष्ट्रीय संस्थान) और सीआरसी (समग्र क्षेत्रीय केंद्र) में पंजीकरण/निदान/उपचार शुल्क माफ कर दिया गया है। एनआई और सीआरसी में विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए पूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क भी माफ रहेगा। यह वर्ष 2022-23 बैच से छात्रों के लिए प्रभावी होगा (उन लोगों सहित जो दो साल या अधिक अवधि के पाठ्यक्रम कर रहे हैं और अपने दूसरे/तीसरे/चौथे वर्ष में हैं।)
प्रश्न – यूडीआईडी कार्ड कितने प्रकार के होते हैं?
विकलांगता की गंभीरता के आधार पर तीन प्रकार के रंगीन यूडीआईडी कार्ड जारी किए जाते हैं-
सफेद कार्ड – जब किसी व्यक्ति की विकलांगता का प्रतिशत 40% से कम हो।
पीला कार्ड: जब किसी व्यक्ति की विकलांगता का प्रतिशत 40% से ऊपर हो लेकिन 80% या उससे कम हो।
नीला कार्ड: जब किसी व्यक्ति की विकलांगता का प्रतिशत 80% से ऊपर हो।
प्रश्न – यूडीआईडी कार्ड में कितने अंक/अक्षर होते हैं?
यूडीआईडी कार्ड में कुल 18 अंक/अक्षर होते हैं।
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